पहाड़ी बेडू फल का स्वाद अब लोग घर बैठे बैठे ले पाएंगे, जानिये इसको खाने के फायदे
‘बेड़ू पाको बारा मासा’ गाना यह उत्तराखंड का बहुत ही फेमस सांग है, जिसका मतलब है कि बेड़ू ऐसा फल है जो पहाड़ों में 12 महीने पकता है. बेड़ू उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पाया जाने वाला जंगली फल है, जिसे पहाड़ी अंजीर भी कहते हैं.
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान पहाड़ी उत्पादों को विश्व स्तर तक पहचान दिलाने की पहल के अंतर्गत ही बेड़ू से अलग-अलग उत्पाद बनाकर ‘हिलांस’ के बैनर तले पूरे देश में बेचने की तैयारी जिला प्रशासन कर रहा है.
हिलांस बेड़ू से जैम, स्क्वैश, चटनी, जूस आदि उत्पाद बना रहा है. जल्द ही सभी प्रोडक्ट प्रदेश में हिलांस के सभी आउटलेट पर उपलब्ध हो जाएंगे. इन्हें ऑनलाइन बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा. डीएम ने इस बारे में कहा कि पहाड़ी अंजीर जिसे बेड़ू या हिमालयन फिग नाम से भी जाना जाता है, स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है. उनका मकसद है कि इससे बने उत्पादों को देश-विदेश में पहुंचाया जाए ताकि पहाड़ के फलों को पहचान मिल सके और रोजगार बढ़ाने की दिशा में भी यह पहल कारगर हो.
स्वास्थ्यवर्धक और स्वाद से भरपूर है बेड़ू
बता दें कि बेड़ू पहाड़ों में काफी मात्रा में मिलने वाला स्वास्थ्यवर्धक और स्वाद से भरपूर फल है. पहाड़ों में प्रकृति से निःशुल्क उपहार के रूप में मिले इस फल से अलग-अलग उत्पाद बनाकर पहाड़ के उत्पादों को एक नई पहचान तो मिलेगी ही, साथ ही इससे रोजगार के नए आयाम भी विकसित होंगे.
बेड़ू में जरूरी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं. यह फल औषधीय गुणों से भी भरपूर है. यह कई बीमारियों से लड़ने में मददगार है. इसमें विटामिन सी, प्रोटीन, वसा, फाइबर, सोडियम, फास्फोरस, कैल्शियम और लौह तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं. शरीर के विकास के लिए यह सभी तत्व जरूरी हैं. साथ ही अनेकों बीमारियां भी इस फल के सेवन से दूर होती हैं.
उत्तराखंड में ऐसे कई फल हैं, जो अब लुप्त हो रहे हैं. यह फल जंगलों में तो खूब उगते हैं, लेकिन उनका व्यावसायिक उपयोग बहुत ही कम होता है. बेड़ू भी उन्हीं फलों में से एक है, जो उगता तो खूब है लेकिन उसका उपयोग बहुत कम होता है. जिलाधिकारी की इस पहल से निश्चित ही पहाड़ी अंजीर बेड़ू का स्वाद लोग अब घर बैठे ही ले सकेंगे.